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Thursday, 25 October 2018

उलझनें...






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तेरे आने की ख़ुशी है ना ना आने का ग़म...
किसी ख़ुशी में ख़ुशी ना किसी ग़म में ग़म !

कुछ इस क़दर बढ़ चली हैं उलझनें अपनी
किसी ख़ौफ़ से ख़ौफ़ज़दा होते नहीं हैं हम !



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