परछाई सी दिखती
है
कहीं यह क़ज़ा ना
हो… !
मेरे परवरदिगार
की
कोई नयी रज़ा ना
हो !!
eMKay (Mohanjeet Kukreja) is a Pharma professional, who is just passionate about Writing (mainly poetry). He has an ardour for Photography as well...
पैसे से कुछ नहीं होता...
ऐसा हरदम कहते हैं,
और ख़ुद आलीशान मकानों
में रहते हैं !
बाक़ी दुनियावी दुखों
का...
रोना ज़रूर रोते हैं,
पर रात को मखमली गद्दों
पर सोते हैं !
दिखावाबाज़ी न करने का...
दम तो भरते हैं,
अपनी शादियां लेकिन आस्मानों
में करते हैं !
फ़िज़ूलखर्ची रोकने की...
बात भी चलाते हैं,
हर रात मगर ख़ुद ये दिवाली
मनाते हैं !
हर सरकारी चीज़ पर...
उँगली ख़ूब उठाते हैं,
और उसी सरकारी कुर्सी
पर मरे जाते हैं !
भूखे-नंगे ग़रीब इन को...
नज़र नहीं आते हैं,
हाँ, पत्थर पर पैसा-सोना ख़ूब चढ़ाते
हैं !
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मेरा देश, मेरा भारत महान...
का नारा लगाते हैं,
भ्रमण के लिए
हमेशा विदेश ही जाते हैं !
अपने से कुछ हो
न हो...
बस नुक्स निकालते हैं,
दूसरों पर ये
सरे-आम स्याही उछालते हैं !
विश्व भर में
मांस का...
निर्यात करवाते हैं,
निर्दोष को दोषी
बता कर ज़िंदा जलवाते हैं !
हर बात में राजनीति
के...
रंग बराबर भरते हैं,
कुछ अपने पुराने
पुरूस्कार तक वापस करते हैं !
अपने यहाँ बेचारा
ग़रीब...
दाल (-रोटी) को तरसता है,
और इनका अनुग्रह
पड़ोसी देशों पर बरसता है !
खाया पचाने के
लिए...
ये सैर करते हैं,
जबकि बहुत से
लाचार यहाँ भूख से मरते हैं !
नशा-मुक्ति के
विषय पर...
जब गोष्ठी होती है,
हाथ में सिगार
मेज़ पर विदेशी बोतल होती है !
वातानुकूलित परिवेश
में...
सारा कारोबार
होता है,
बढ़ते विश्वव्यापी
तापक्रम पर विचार होता है !
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