Stories

Saturday, 23 March 2019

“निदान”











चिंतित से कुछ चेहरे…
कुछ पर ख़ुशी की झलक,
ज़िन्दगी और मौत के बीच
छिड़ी हुई एक जंग…
कुछ योद्धाओं की भाँति
डटे हुए हैं अभी तक…
कुछ लौट चले हैं
विजय-पताका फहराते!
अंदर वार्ड में से कहीं
कराहने का ऊँचा स्वर,
और दूर कहीं नीचे से
एकाएक कोई रुदण!
किस-किस को दवा दें,
मरहम लगाएं कहाँ-कहाँ?
डॉक्टर भी परेशान हैं…
पूरा माहौल ही बीमार है!!




https://storymirror.com/read/poem/hindi/l4rfaybz/nidaan






No comments:

Post a Comment