Stories

Friday, 25 January 2019

“अनुभूति”






  न चाहो मुझे

  तुम्हारे बस में हो अगर.

  न मिलो मुझसे

  ठीक समझो यदि तुम.

  मुस्कुराके भी चाहे

  ना देखो मेरी ओर कभी.

  एक सुखद अनुभूति से

  वंचित न करो मुझे मगर.

  दर्द इतना न दो कि

  कोई भी दर्द, दर्द ना रहे...!

  ***

  

No comments:

Post a Comment