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Saturday, 22 December 2018

उन दिनों...




हर एक शै की अगरचे तमन्ना थी उन दिनों
मायूसी कोसों दूर हुआ करती थी उन दिनों !

बस अपने में मसरूफ़ थे, खुश रहा करते थे
तबियत में ही कुछ मौज-मस्ती थी उन दिनों !

दिन में भी ख़्वाब और हवा में उड़ते-फिरना..
फ़ज़ा में हर तरफ एक रंगीनी थी उन दिनों !

सिर्फ़ दिल की सुनते थे, बे-फ़िक़्र रहा करते थे 
अक़्ल से गोया हमारी दुश्मनी थी उन दिनों !

जेब ख़ाली थी मगर दिल के बहुत रईस थे
अंदाज़ ही से अमीरी झलकती थी उन दिनों !

रहते हों बेशक दूर, दिल से बहुत क़रीब थे
दोस्तों के घर की राह सुहानी थी उन दिनों !

अब सिवाए ख़ुशी के सब कुछ अपने पास है
असल में ज़िन्दगी बस जी थी उन दिनों ! 

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