हर एक
शै की अगरचे तमन्ना थी उन दिनों
मायूसी
कोसों दूर हुआ करती थी उन दिनों !
बस अपने
में मसरूफ़ थे, खुश रहा करते थे
तबियत
में ही कुछ मौज-मस्ती थी उन दिनों !
दिन में
भी ख़्वाब और हवा में उड़ते-फिरना..
फ़ज़ा में
हर तरफ एक रंगीनी थी उन दिनों !
सिर्फ़
दिल की सुनते थे, बे-फ़िक़्र रहा करते थे
अक़्ल से
गोया हमारी दुश्मनी थी उन दिनों !
जेब ख़ाली
थी मगर दिल के बहुत रईस थे
अंदाज़
ही से अमीरी झलकती थी उन दिनों !
रहते हों
बेशक दूर, दिल से बहुत क़रीब थे
दोस्तों
के घर की राह सुहानी थी उन दिनों !
अब सिवाए
ख़ुशी के सब कुछ अपने पास है
असल में ज़िन्दगी बस जी थी उन दिनों !
***
Bahut khoob
ReplyDeleteShukriya!
ReplyDelete